मालविका
a creative woman
रविवार, 22 मई 2011
सूत्र - 117
गहनतम दुख को इस आस के साथ सहा जाता है कि भविष्य के गर्भ से खुशी की उम्मीद होती है.
2 टिप्पणियां:
डॉ. राजेश नीरव
22 मई 2011 को 11:55 am बजे
सही है...
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M VERMA
22 मई 2011 को 5:35 pm बजे
और फिर उम्मीद पर दुनिया कायम है
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