शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

सूत्र - 133


भावना संस्कृतियों की वाहक है और तर्क सभ्यताओं के.

शनिवार, 19 नवंबर 2011

सूत्र - 132


नैतिकता किसी भी युद्ध में शस्त्र नहीं हो सकती.

रविवार, 6 नवंबर 2011

सूत्र - 131


'सेना' मानवीय सभ्यता का सबसे अ-नैतिक और अ-मानवीय आविष्कार है.

शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

सूत्र - 130


मृत्यु 'होने' और 'न-होने' के बीच का महज एक क्षण है.

मंगलवार, 27 सितंबर 2011

सूत्र - 129


दुख से सुलह कर लेना, उसे सह लेने का सबसे आसान तरीका है.

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

सूत्र - 128


भावना का संबंध अस्तित्व (जन्म) से और बुद्धि का संबंध व्यक्तित्व (दुनियादारी) से है.

सोमवार, 5 सितंबर 2011

सूत्र - 127


दुख भविष्य है, सुख वर्तमान.

शनिवार, 20 अगस्त 2011

सूत्र - 126


प्रेम प्रवाह है, आदर्श चट्टान...

गुरुवार, 28 जुलाई 2011

सूत्र - 125


व्यवस्था व्यक्ति को 'वस्तु' बनाने का षड़यंत्र है.

बुधवार, 29 जून 2011

सूत्र - 124


अभाव-बोध भी है जीवन का आनंद.

रविवार, 26 जून 2011

सूत्र - 123


खालिस 'मैं' को सह पाना दुनिया की कुछ बहुत मुश्किल चीजों में से एक है.

बुधवार, 22 जून 2011

सूत्र - 122


ईश्वर एक आश्वासन है.

मंगलवार, 21 जून 2011

सूत्र - 121


दुख का भार उनके लिए ज्यादा होता है, जो दूसरों के दुखों के प्रति उदासीन होते हैं.

गुरुवार, 16 जून 2011

सूत्र - 120


दुखों के पार देख पाने की सलाहीयत (ख़ूबी) से जिंदगी सहनीय हो जाती है.

रविवार, 29 मई 2011

सूत्र - 119


दुनिया का हर धर्म निश्चित समय के बाद षड़यंत्र होता गया.

बुधवार, 25 मई 2011

सूत्र - 118


भ्रमों से जिंदगी खूबसूरत है.

रविवार, 22 मई 2011

सूत्र - 117


गहनतम दुख को इस आस के साथ सहा जाता है कि भविष्य के गर्भ से खुशी की उम्मीद होती है.

शुक्रवार, 11 मार्च 2011

सूत्र - 116


जब कर्म ही लक्ष्य हो जाए और सफर मंजिल, तो जीवन ‘तृप्ति’ हो जाती है और इंसान योगी.

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

सूत्र - 115


जहाँ न स्वार्थ होता है और न मजबूरी वहीं विशुद्ध प्यार होता है, लेकिन जहाँ प्यार होता है वहाँ मजबूरी भी होती है.

शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

सूत्र - 114


ईश्वर रहस्य की रचना करता है और संतत्व जगाता है, मनुष्य सपने रचता है और वासना जगाता है.

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

सूत्र -113


सौंदर्य निरापद(risk-free)नहीं होता.

शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

सूत्र - 112


जो दुख के लिए खुले नहीं होते, उनका जीवन डर बन जाता है.