रविवार, 28 नवंबर 2010

सूत्र - 109


प्रदर्शन इस दौर का स्थापित मूल्य हो चला है.

2 टिप्‍पणियां:

  1. सचमुच बेहद गंभीर मामला है ..... आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रदर्शन वही कर सकता है जिसके पास कुछ हो. वर्ना प्रेम चोपड़ा का वो एक दार्शनिक डायलाग है न -"नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या"

    जवाब देंहटाएं