प्रिय मालविका जी , आपका चित्र और विचार एक साथ पोस्ट करने वाला प्रयोग काफी अच्छा लगा , अधिकतर तो मेरे जैसे कलमघिस्सू कि तरह लम्बी लम्बी बोरिंग कविताये और पोस्ट लखते हैं बिना किसी फोटो के . खैर धन्यवाद आपका ब्लॉग की नयी विधा अन्वेषण के लिए . लेकिन मौत कम से कम सुकून तो देती हैं . जिंदगी तो बस रुला देती हैं . कभी मुझमे यही जज्बा था . जब ईश्वर तबाही मचाने आया तो मेरे पास ढाल भी नहीं थी . ईश्वर आपको अपने जज्बे में बरकत दे
-- !! श्री हरि : !! बापूजी की कृपा आप पर सदा बनी रहे
Satya vachan
जवाब देंहटाएंsundar chitramay prasuti ke liye dhanyavaad
प्रिय मालविका जी ,
जवाब देंहटाएंआपका चित्र और विचार एक साथ पोस्ट करने वाला प्रयोग काफी अच्छा लगा , अधिकतर तो मेरे जैसे कलमघिस्सू कि तरह लम्बी लम्बी बोरिंग कविताये और पोस्ट लखते हैं बिना किसी फोटो के . खैर धन्यवाद आपका ब्लॉग की नयी विधा अन्वेषण के लिए .
लेकिन मौत कम से कम सुकून तो देती हैं . जिंदगी तो बस रुला देती हैं . कभी मुझमे यही जज्बा था . जब ईश्वर तबाही मचाने आया तो मेरे पास ढाल भी नहीं थी . ईश्वर आपको अपने जज्बे में बरकत दे
--
!! श्री हरि : !!
बापूजी की कृपा आप पर सदा बनी रहे
Email:virender.zte@gmail.com
Blog:saralkumar.blogspot.com
This is cyclic
जवाब देंहटाएंi am agree with u.
जवाब देंहटाएं