मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

सूत्र 23


प्रेम स्त्री के लिए जीवन है और पुरुष के लिए जीवन का हिस्सा।

3 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक और सारगर्भित प्रस्तुति ।

    मैने अपने ब्लग पर एक कविता लिखी है-रूप जगाए इच्छाएं-समय हो पढ़ें और कमेंट भी दें ।- http://drashokpriyaranjan.blogspot.com

    गद्य रचनाओं के लिए भी मेरा ब्लाग है। इस पर एक लेख-घरेलू हिंसा से लहूलुहान महिलाओं को तन और मन लिखा है-समय हो तो पढ़ें और अपनी राय भी दें ।-
    http://www.ashokvichar.blogspot.com

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  2. हम्म!! टुकड़ा समझ नहीं आया फरक का!!

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