मालविका
a creative woman
मंगलवार, 8 दिसंबर 2009
सूत्र-32
देने के बाद जो बचता है वह खुशी है
2 टिप्पणियां:
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
8 दिसंबर 2009 को 10:02 am बजे
जीवन का एक गूढ़ सच, कोई इसको
समझ सके तो ! बेहद सुन्दर !
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डॉ. राजेश नीरव
8 दिसंबर 2009 को 5:21 pm बजे
और दुख....!
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जीवन का एक गूढ़ सच, कोई इसको
जवाब देंहटाएंसमझ सके तो ! बेहद सुन्दर !
और दुख....!
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